बालश्री सम्मान

 

राष्ट्रीय बाल भवन ने 1995 में राष्ट्रीय बाल श्री योजना की शुरूआत की थी। राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान राष्ट्रीय बाल भवन द्वारा चार मुख्य विधानों में बच्चों की सृजनात्मक क्षमता की पहचान करने तथा उन्हें प्रोत्साहित कर अपनी सृजनात्मक क्षमता बढाने के लिए प्रोत्साहित करने की एक पहल है। पुरस्कार के लिए मूल्यांकन एवं चयन एक जटिल प्रक्रिया एवं पद्धति है जिसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में सृजनात्मक कलाकार एवं विशेषताओं की सतत निखार की आवश्यकता होती है। अतएव राष्ट्रीय बाल भवन इन बालश्री पुरस्कारों के लिए प्रक्रिया में संशोधन एवं इसके मूल्यांकन की पद्धति के अवयवों में निखार लाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहता है। बालश्री सम्मान के सम्बंध में राष्ट्रीय बाल भवन के विस्तार/सम्पूर्ण नेटवर्क की विस्तृत गतिविधियों के मूल्यांकन मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण के अन्तर्गत शैक्षिक अनुसंधान विभाग द्वारा सम्पन्न की गई एक परियोजना) की सिफारिशों से मार्गदर्शित होकर बाल श्री सम्मान की वर्तमान योजना को संशोधित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। इस समिति ने वर्तमान योजना में परिवर्तन की सिफारिश की थी और इस अनुमोदित संशोधित योजना का 2015 से कार्यान्वित किया जा रहा है।