राष्ट्रीय बाल भवन एक ऐसा संस्थान है जो बच्चों को उनकी आयु, रूचि एवं योग्यता के अनुसार उनके लिए विविध कार्यकलापों के आयोजन द्वारा विविध अवसर तथा विचार विमर्ष करने, सृजन करने तथा प्रदर्षन के लिए साझा मंच उपलब्ध करवाकर उनकी सृजनात्मक प्रतिभा को तराषता है। यह बच्चों को किसी भी तनाव या दबाव से मुक्त, नई चीजें सीखने के लिए असीमित अवसरों सहित निर्बाधउन्मुक्त वातावरण उपलब्ध कराता है। यह संस्थान नई दिल्ली में आई.टी.ओ., के पास कोटला रोड़ पर सिथत है तथा 5-16 वर्श के बच्चों के लिए यहां कार्यकलाप उपलब्ध हैं। बाल भवन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है। यहाँ सोमवार, मंगलवार एवं अन्य राजपत्रित अवकाश रहता हैं। इसकी समयावधि प्रात: 9:00 बजे से सायं 5:30 बजे तक है।
राष्ट्रीय बाल भवन
कोटला रोड, आईटीओ के पास, नई दिल्ली - 110002
टिकट खिड़की खुलेगी: सुबह 9:15 बजे - शाम 4:30 बजे
प्रवेश हेतु शुल्क:
* 16 वर्ष तक के बच्चे : नि : शुल्क
* 16 वर्ष से अधिक वयस्क बच्चों के साथ: रुपए 20/- प्रति व्यक्ति
छोटी रेलगाड़ी हेतु शुल्क :
* 3 वर्ष से कम के बच्चे: नि : शुल्क
* 3 वर्ष से 16 वर्ष तक के बच्चे: रुपए 10/- प्रति बच्चा , प्रति राउंड
* 16 वर्ष से अधिक के वयस्क केवल बच्चों के साथ: रुपए 30/- प्रति व्यक्ति , प्रति राउंड
वार्षिक सदस्यता शुल्क:
* 5-16 वर्ष : रु. 200/-
* ई.डब्लू.एस., अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग बच्चों के लिए - नि : शुल्क
सदस्य कैसे बनें ? | सदस्यता फार्म का नमूना
राष्ट्रीय बाल भवन में टॉय ट्रेन की मरम्मत कार्य के कारण, कुछ दिनों तक टॉय ट्रेन नहीं चलेगी। असुविधा के लिए खेद है। |
सभी बच्चों को ग्रीष्मकालीन उत्सव, 2024 में शामिल होने का निमंत्रण |
बच्चों द्वारा कैमरा संग्रहालय का रोमांचक शैक्षिक भ्रमण |
सदस्य बच्चों द्वारा राष्ट्रीय संग्रहालय के शैक्षिक दौरे की झलकियाँ |
खगोल विज्ञान अनुभाग के बच्चों का नेहरू तारामंडल, नई दिल्ली का दौरा |
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के अवसर पर बच्चे विभिन्न योग आसनों का अभ्यास करते हुए |
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'स्थायी जीवनशैली के लिए पर्यावरण को बचाना हर व्यक्ति की सर्वोच्च जिम्मेदारी', इसको बताते बच्चे |
सूखे को रोकने और भूमि को पुनः बहाल करने के लिए जागरूकता फैलाते बच्चे |
उद्घाटन समारोह के दौरान स्वागत गीत व वाद्यवृंद की रंगा-रंग प्रस्तुत |
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पठानिया बाल भवन,रोहतक,हरियाणा से आए बच्चों ने वसुधैव कुटुम्बकम् विषय पर नृत्य प्रस्तुत किया |
जवाहर बाल भवन,नीलगिरि,तमिलनाडु से आए बच्चों ने वसुधैव कुटुम्बकम् विषय पर नृत्य प्रस्तुत किया |
ओल्ड सिटी बाल भवन, हैदराबाद से आए बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत कर भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया |
किलकारी बिहार बाल भवन, पटना से आए बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत कर भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया |
बाल भवन अमरेली,गुजरात से आए बच्चों ने अपनी कला व अभिनय के प्रदर्शन द्वारा वसुधैव कुटुम्बकम् को प्रस्तुत किया |
बाल भवन,गोवा से आए बच्चों ने अपनी कला व अभिनय के प्रदर्शन द्वारा वसुधैव कुटुम्बकम् को प्रस्तुत किया |
अभिनव बाल भवन, भोपाल के बच्चों ने अपने गायन से मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत किया |
जवाहर बाल भवन, तृश्शूर, केरल से आए बच्चों ने नाटक द्वारा पर्यावरण के महत्व को दर्शाया |
राष्ट्रीय बाल भवन ने ऑनलाइन मोड को अपनाया है क्योंकि बच्चे एक साल से अधिक समय से अपने घरों में बंद हैं। इसमें हमारे कला और विज्ञान विभागों द्वारा नियमित रूप से ऑनलाइन शिक्षण, और आभासी प्रदर्शनियों का आयोजन शामिल है।